वहीदा नसीम के शेर
हम अजनबी हैं आज भी अपने दयार में
हर शख़्स पूछता है यही तुम यहाँ कहाँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उलझी थी जिन में एक ज़माने से ज़िंदगी
क्यूँ ऐ ग़म-ए-हयात वो गेसू सँवर गए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड