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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Wahid Ansari Burhanpur's Photo'

वहिद अंसारी बुरहानपुरी

वहिद अंसारी बुरहानपुरी

अशआर 3

लग गई शायद किसी गंजे की उस को भी नज़र

देख ले ज़ुल्फ़ों की ये ज़ंजीर आधी रह गई

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फ़िक्र जब से हो गई है जेब भरने की उन्हें

अब दुआ-ए-शैख़ की तासीर आधी रह गई

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देख कर शक्ल तबीबों की जब आती है हँसी

वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

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ग़ज़ल 7

हास्य 10

पुस्तकें 10

 

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