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प्रमुखतम आधुनिक शायरों में विख्यात/नई दिशा देने वाले शायर

प्रमुखतम आधुनिक शायरों में विख्यात/नई दिशा देने वाले शायर

ज़फ़र इक़बाल के ऑडियो

ग़ज़ल

ख़ामुशी अच्छी नहीं इंकार होना चाहिए

ज़फ़र इक़बाल

लर्ज़िश-ए-पर्दा-ए-इज़हार का मतलब क्या है

ज़फ़र इक़बाल

अभी आँखें खुली हैं और क्या क्या देखने को

नोमान शौक़

कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे

नोमान शौक़

ख़ुशी मिली तो ये आलम था बद-हवासी का

नोमान शौक़

ख़ामुशी अच्छी नहीं इंकार होना चाहिए

नोमान शौक़

खींच लाई है यहाँ लज़्ज़त-ए-आज़ार मुझे

नोमान शौक़

चमकती वुसअतों में जो गुल-ए-सहरा खिला है

नोमान शौक़

चलो इतनी तो आसानी रहेगी

नोमान शौक़

जहाँ मेरे न होने का निशाँ फैला हुआ है

नोमान शौक़

बस एक बार किसी ने गले लगाया था

नोमान शौक़

मैं भी शरीक-ए-मर्ग हूँ मर मेरे सामने

नोमान शौक़

मक़्बूल-ए-अवाम हो गया मैं

नोमान शौक़

मिलूँ उस से तो मिलने की निशानी माँग लेता हूँ

नोमान शौक़

यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ए-आरज़ू न मिला

नोमान शौक़

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