ज़ियाउल हसन के शेर
हर्फ़-ओ-बयाँ, नज़ारे, सितारे, दिल ओ नज़र
हर शय में इंतिशार है, मंज़ूम कुछ नहीं
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere