साईट के बारे में
रेख़्ता उर्दू शायरी की वेबसाइट है जिसका मक़सद उर्दू शायरी को ऐसे लोगों तक आन लाइन उपलब्ध कराना है जो इससे गहरा लगाव रखते है और इसका आनन्द लेना चाहते हैं | वेबसाइट पर इस समय लगभग 1200 उर्दू शायरों की 12000 ग़ज़लें और नज़्में उपलब्ध हैं जिनमें बढ़ोतरी जारी है। इस वेबसाइट का सबसे विशिष्ट पहलू ये है कि इसमें उर्दू शायरी को देवनागरी और रोमन लिपियों में भी पेश किया गया है ताकि उर्दू लिपि न जानने वाले उर्दू शायरी के प्रेमी भी अपने पसंदीदा शायरों का कलाम पढ़ सकें।
ऐसे पाठकों की आसानी के लिए सरल और लोकप्रिय शायरी को अलग से जमा किया है जिसमें सारे बड़े शायरों का आसान कलाम शामिल है। रेख़्ता पर शायरी को पढ़ने के साथ ही सुना भी जा सकता है । इसके लिए शायरी को, शायरों और गायकों की आवाज़ में ऑडियो और वीडियो की शक्ल में भी पेश किया गया है। उर्दू लिपि न जानने वालों के लिए, ग़ज़लों और नज़्मों के हर शब्द का अर्थ भी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है।
रेख़्ता’ को इस समय 160 देशों में देखा जा रहा है और पिछले एक साल में इसे लगभग ढाई लाख लोग देख चुके हैं। इस वेबसाइट को अधिक से अधिक फैलाने के लिए, अब नई टेक्नालोजी का इस्तेमाल करके डेस्कटॉप और लैपटॉप कंपुयटरों के साथ साथ टैबलेट और मोबाइल फ़ोन पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
रेख़्ता’ का एक बड़ा कारनामा उसका ई-पुस्तक भाग है जहाँ उर्दू की पुरानी किताबों के साथ साथ उर्दू शायरी और साहित्य से संबंधित हिंदी और अंग्रेज़ी पुस्तकों को भी डिजिटाइज़ करके संरक्षित किया जा रहा है। यह पहली वेबसाइट है जिस पर मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब की सारी ग़ज़ले और विख्यात कहानीकार सआदत हसन मंटो की सारी कहानियाँ पेश की गई हैं।
‘रेख़्ता’ पर उर्दू के छंद-विधान जिसे अरूज़ कहा जाता है, पर एक लेक्चर सीरीज़ भी शुरू की गई है जो अरूज़ के विख्यात माहिर श्री भटनागर ‘शादाब’ पेश कर रहे हैं। इन लेक्चरों से ऐसे हिंदी-भाषी नौजवानों को लाभ होगा जो उर्दू में शायरी करने का प्रयास कर रहें है और इसके छंद-विधान से पूरी तरह परिचित नहीं है।