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Amir Hamza Saqib's Photo'

अमीर हम्ज़ा साक़िब

1971 | भिवंडी, भारत

एक बहुत प्रतिभाशाली उर्दू शायर, अपने अनूठे अंदाज़ और गहरी साहित्यिक समझ के लिए जाने जाते हैं

एक बहुत प्रतिभाशाली उर्दू शायर, अपने अनूठे अंदाज़ और गहरी साहित्यिक समझ के लिए जाने जाते हैं

अमीर हम्ज़ा साक़िब का परिचय

उपनाम : 'Saaqib'

मूल नाम : Amir Hamza

जन्म : 27 Oct 1971 | आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश

LCCN :n2019241547

एक जहान-ए-ला-यानी ग़र्क़ाब हुआ

एक जहान-ए-मानी की तश्कील हुई

अमीर हमज़ा साक़िब का जन्म 1 जून, 1970 को मुंबई में हुआ। उनका आबाई वतन आज़मगढ़ है। एम.ए. करने के बाद उन्होंने समदिया जूनियर कॉलेज में पढ़ाया। वे मशहूर शायर शाकिर अदबी के प्रतिभाशाली शिष्य हैं और अक्सर पत्रिकाओं की शोभा बनते रहते हैं।ऑल इंडिया रेडियो पर भी अपने उस्ताद की तरह शायरी सुनाते हैं। ग़ज़लें नए रंग में कहते हैं और पढ़ने का अंदाज़ भी अच्छा है।वे शोध कार्य भी कर रहे हैं। शायरी के अलावा उन्हें अफ़साना-निगारी और मज़्मून-निगारी में भी दिलचस्पी है। कई कार्यक्रमों का संचालन भी अमीर हमज़ा साक़िब के ज़िम्मे रहा और वे शोधपत्र भी पढ़ते रहे हैं। नई पीढ़ी से उनका गहरा संबंध है। उन्होंने अपने अनूठे अंदाज़ की बुनियाद पर अपनी अलग पहचान बनाई है और उन्हें आलोचकों ने सराहा है। पिछले कई वर्षों से वे ग़ुलाम मोहम्मद वुमेन्स कॉलेज में सहायक प्रोफ़ेसर हैं।वे अक्सर छात्रों के मार्गदर्शन के लिए साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं और कम बोलते हैं। उनका काव्य-संग्रह 'मौसम-ए-कशफ़' और इसी पुस्तक का नागरी लिपि में प्रकाशन 'जिस्म का बर्तन सर्द पड़ा है' के नाम से रेख़्ता पब्लिकेशंस से हुआ है।

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