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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के वीडियो
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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
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क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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Taazaa hai abhi yaad mein ai gulfaam फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ऐ रौशनियों के शहर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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क़ैद-ए-तन्हाई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कोई 'आशिक़ किसी महबूबा से! फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ख़त्म हुई बारिश-ए-संग फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गिरानी-ए-शब-ए-हिज्राँ दो-चंद क्या करते फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गो सब को बहम साग़र ओ बादा तो नहीं था फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चंद रोज़ और मिरी जान फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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जिस रोज़ क़ज़ा आएगी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तराना फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तीन आवाज़ें फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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पाँव से लहू को धो डालो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़र्श-ए-नौमीदी-ए-दीदार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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बुनियाद कुछ तो हो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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मिरे हमदम मिरे दोस्त! फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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मौज़ू-ए-सुख़न फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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याद फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शीशों का मसीहा कोई नहीं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हम जो तारीक राहों में मारे गए फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हम तो मजबूर थे इस दिल से फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हमारे दम से है कू-ए-जुनूँ में अब भी ख़जिल फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हार्ट-अटैक फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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jis roz qaza aaegi फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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mere milne wale फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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mulaqat फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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sar-e-wadi-e-sina फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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shishon ka masiha koi nahin फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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tanhai फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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आज शब कोई नहीं है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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''आप की याद आती रही रात भर'' फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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इंतिसाब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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एक शहर-आशोब का आग़ाज़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कहाँ जाओगे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ख़ुर्शीद-ए-महशर की लौ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ख़ुशा ज़मानत-ए-ग़म फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चंद रोज़ और मिरी जान फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ज़िंदाँ की एक शाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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ज़िंदाँ की एक सुब्ह फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तराना फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तौक़-ओ-दार का मौसम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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दुआ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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दर्द आएगा दबे पाँव फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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दरीचा फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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दस्त-ए-तह-ए-संग-आमदा फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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निसार मैं तेरी गलियों के फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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फ़िक्र-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ तो छूटेगी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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बुनियाद कुछ तो हो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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बहार आई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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बहार आई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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रफ़ीक़-ए-राह थी मंज़िल हर इक तलाश के ब'अद फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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लहू का सुराग़ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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लौह-ओ-क़लम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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वहीं हैं दिल के क़राइन तमाम कहते हैं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शफ़क़ की राख में जल बुझ गया सितारा-ए-शाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हम ने सब शेर में सँवारे थे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हम सादा ही ऐसे थे की यूँ ही पज़ीराई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हमीं से अपनी नवा हम-कलाम होती रही फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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Ye raat us dard ka shajar hai (Faiz Ahmad Faiz)- read by Zia Mohiuddin ज़िया मोहीउद्दीन
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए रुना लैला
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात
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आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो नय्यरा नूर
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आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो नय्यरा नूर
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''आप की याद आती रही रात भर'' अज्ञात
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ईरानी तलबा के नाम ज़ेहरा निगाह
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले इक़बाल बानो
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चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का फ़रीदा ख़ानम
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जब तेरी समुंदर आँखों में नय्यरा नूर
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जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं फ़रीदा ख़ानम
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ढाका से वापसी पर नय्यरा नूर
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तुम अपनी करनी कर गुज़रो मनमीत नारंग
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है नूर जहाँ
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तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है अमानत अली ख़ान
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दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं अज्ञात
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दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन टीना सानी
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के फ़रीदा ख़ानम
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के उस्बताद बरकत अली ख़ान
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के मेहदी हसन
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के उस्उताद म्मीद अली ख़ान
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के हबीब वली मोहम्मद
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निसार मैं तेरी गलियों के ज़िया मोहीउद्दीन
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फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए नय्यरा नूर
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बात बस से निकल चली है अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मिरे हमदम मिरे दोस्त! अज्ञात
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मिरे हमदम मिरे दोस्त! अज्ञात
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यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग फ़रीदा ख़ानम
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रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई नय्यरा नूर
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई उस्उताद म्मीद अली ख़ान
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़रीदा ख़ानम
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई नसीम बेगम
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई नसीम बेगम
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है उस्उताद म्मीद अली ख़ान
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के नूर जहाँ
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aaj bazaar me pa ba jaulaan chalo फरीहा परवेज़
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bol ज़ेहरा निगाह
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dildar dekhna फ़रीदा ख़ानम
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dil-e-man musafir-e-man टीना सानी
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dil-e-man musafir-e-man इक़बाल बानो
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dil-e-man musafir-e-man ज़िया मोहीउद्दीन
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do ishq ज़ेहरा निगाह
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do ishq हमीदा बानो
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hijr ki rakh aur visal ke phul ज़िया मोहीउद्दीन
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hum to majbur-e-wafa hain टीना सानी
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jab teri samundar aankhon mein अज्ञात
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KHatm hui barish-e-sang अज्ञात
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KHuda wo waqt na lae तलअत महमूद
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KHuda wo waqt na lae अज्ञात
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KHurshid-e-mahshar ki lau ज़ेहरा निगाह
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kya karen अज्ञात
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lauh-o-qalam अज्ञात
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main tere sapne dekhun अज्ञात
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mauzu-e-suKHan आबिदा परवीन
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mauzu-e-suKHan ज़िया मोहीउद्दीन
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mere dard ko jo zaban mile अज्ञात
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mere dard ko jo zaban mile नय्यरा नूर
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mere hamdam mere dost अज्ञात
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mulaqat ज़िया मोहीउद्दीन
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sham ज़िया मोहीउद्दीन
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shishon ka masiha koi nahin विविध
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shishon ka masiha koi nahin अज्ञात
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tin aawazen - Part 2 अज्ञात
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tum apni karni kar guzro अज्ञात
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अगस्त-1952 रुना लैला
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अंजाम मेहरान अमरोही
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अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सब की ज़बाँ ठहरी है नोमान शौक़
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए जगजीत सिंह
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अहमद फ़राज़
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए मेहदी हसन
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए अज्ञात
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए सज्जाद हुसैन
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आख़िरी ख़त मेहरान अमरोही
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आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल सुरेश वाडेकर
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आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो सुरेश वाडेकर
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आज यूँ मौज-दर-मौज ग़म थम गया इस तरह ग़म-ज़दों को क़रार आ गया सुखविंदर
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आज शब कोई नहीं है मेहरान अमरोही
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इंतिज़ार मेहरान अमरोही
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इंतिसाब नय्यरा नूर
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इंतिसाब नसीरुद्दीन शाह
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इंतिसाब अज्ञात
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इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं इक़बाल बानो
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इश्क़ मिन्नत-कश-ए-क़रार नहीं फ़िरोज़ा बेगम
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ईरानी तलबा के नाम ज़ेहरा निगाह
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ईरानी तलबा के नाम मलिका पुखराज
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एक रह-गुज़र पर अज्ञात
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कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया अज्ञात
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कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया जसविंदर सिंह
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कुछ पहले इन आँखों आगे क्या क्या न नज़ारा गुज़रे था टीना सानी
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कुत्ते अज्ञात
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कुत्ते अज्ञात
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कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी इक़बाल बानो
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कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी मलिका पुखराज
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कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी मलिका पुखराज
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कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी गुरमीत मोक्ष
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कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे भारती विश्वनाथन
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कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं टीना सानी
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कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं ख़य्याम
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कभी कभी याद में उभरते हैं नक़्श-ए-माज़ी मिटे मिटे से अज्ञात
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क्या करें अज्ञात
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क्या करें ज़ेहरा निगाह
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क़र्ज़-ए-निगाह-ए-यार अदा कर चुके हैं हम बेगम अख़्तर
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कहाँ जाओगे नय्यरा नूर
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ख़ुदा वो वक़्त न लाए मलिका पुखराज
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गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो शौकत अली
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गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो फ़रीदा ख़ानम
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले श्रुति पाठक
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले तान्या वेल्स
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले ख़ुर्शीद बेगम
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
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गीत मेहरान अमरोही
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गो सब को बहम साग़र ओ बादा तो नहीं था एहसान शब्बीर
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चंद रोज़ और मिरी जान अज्ञात
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चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का फ़रीदा ख़ानम
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चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का हबीब वली मोहम्मद
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चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का मआज़ अब्दुल मुईद
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जब तेरी समुंदर आँखों में मेहरान अमरोही
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जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं फ़रीदा ख़ानम
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जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं प्रिमिला पूरी
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ज़िंदाँ की एक शाम अज्ञात
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ज़िंदाँ की एक शाम ज़िया मोहीउद्दीन
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जिस रोज़ क़ज़ा आएगी ज़ेहरा निगाह
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ढाका से वापसी पर भारती विश्वनाथन
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ढाका से वापसी पर नय्यरा नूर
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तुझे पुकारा है बे-इरादा नय्यरा नूर
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है रफ़ाक़त अली ख़ान
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तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं ज़िया मोहीउद्दीन
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तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं भारती विश्वनाथन
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तराना तलअत अज़ीज़
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तेरी सूरत जो दिल-नशीं की है अज्ञात
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तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए आबिदा परवीन
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तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए उस्उताद म्मीद अली ख़ान
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तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए ताज मुल्तानी
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तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है नाहीद अख़्तर
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तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है अमानत अली ख़ान
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दुआ इक़बाल बानो
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दुआ ज़ेहरा निगाह
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दर्द आएगा दबे पाँव ज़िया मोहीउद्दीन
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दरीचा ज़ेहरा निगाह
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दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन ज़ेहरा निगाह
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दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन अज्ञात
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न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है फ़रीदा ख़ानम
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न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया इक़बाल बानो
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न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया फ़रीदा ख़ानम
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न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया आसिफ़ मेहदी
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नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं उस्ताद सुल्तान ख़ान
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही आबिदा परवीन
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही टीना सानी
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निसार मैं तेरी गलियों के ज़िया मोहीउद्दीन
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पाँव से लहू को धो डालो अज्ञात
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पास रहो नय्यरा नूर
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फूल मुरझा गए सारे अज्ञात
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फिर आईना-ए-आलम शायद कि निखर जाए नय्यरा नूर
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बोल Urdu Studio
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग आसिफ़ रज़ा
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग ज़ोहरा सहगल
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग राधिका चोपड़ा
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग टीना सानी
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग रजनी पल्लवी
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग अज्ञात
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग सीमा सहगल
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मता-ए-लौह-ओ-क़लम छिन गई तो क्या ग़म है ज़ेहरा निगाह
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मरसिए इक़बाल बानो
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मिरे हमदम मिरे दोस्त! Urdu Studio
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ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया जगजीत सिंह
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ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम आबिदा परवीन
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ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर ज़ेहरा निगाह
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ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है ज़िया मोहीउद्दीन
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ये मौसम-ए-गुल गरचे तरब-ख़ेज़ बहुत है इक़बाल बानो
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यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग ग़ुलाम अली
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याद आलिया शर्फ़ी
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याद टीना सानी
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याद मीशा शफ़ी
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याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ फ़रीदा ख़ानम
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रक़ीब से! नूर जहाँ
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रक़ीब से! आक़िब साबिर
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रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम फ़िरदौसी बेगम
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रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम हबीब वली मोहम्मद
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रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम भारती विश्वनाथन
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रंग है दिल का मिरे ज़िया मोहीउद्दीन
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राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया कविता कृष्णामूर्ति
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राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया फ़िरोज़ा बेगम
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राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया सलमा आग़ा
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लाओ तो क़त्ल-नामा मिरा अज्ञात
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व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) टीना सानी
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व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) अज्ञात
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व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे) अज्ञात
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वासोख़्त इक़बाल बानो
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वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया ज़ेहरा निगाह
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शैख़ साहब से रस्म-ओ-राह न की जसविंदर सिंह
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई मेहदी हसन
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़रीदा ख़ानम
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सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं फ़रीदा ख़ानम
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सुब्ह की आज जो रंगत है वो पहले तो न थी ज़ेहरा निगाह
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सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)
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सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47) ज़िया मोहीउद्दीन
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सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें इक़बाल बानो
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सिपाही का मर्सिया
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हम तो मजबूर-ए-वफ़ा हैं अज्ञात
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हार्ट-अटैक ज़िया मोहीउद्दीन
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हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी ग़ुलाम अली
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हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी अली बख़्श ज़हूर
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कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं नुसरत फ़तह अली ख़ान
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गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले रुना लैला
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है आमिर अली ख़ान
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तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए नय्यरा नूर
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दिल में अब यूँ तिरे भूले हुए ग़म आते हैं फ़िरदौसी बेगम
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के राज कुमार रिज़वी
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए रुना लैला
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कब याद में तेरा साथ नहीं कब हात में तेरा हात नहीं विविध
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही इक़बाल बानो
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई टीना सानी
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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के राधिका चोपड़ा
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग शबनम मजीद
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई दिलराज कौर
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है हबीब वली मोहम्मद