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Fani Badayuni's Photo'

फ़ानी बदायुनी

1879 - 1941 | बदायूँ, भारत

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

फ़ानी बदायुनी

ग़ज़ल 95

नज़्म 1

 

अशआर 89

जिस्म-ए-आज़ादी में फूंकी तू ने मजबूरी की रूह

ख़ैर जो चाहा किया अब ये बता हम क्या करें

तुम्हीं कहो कि तुम्हें अपना समझ के क्या पाया

मगर यही कि जो अपने थे सब पराए हुए

तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम

आया भी और गया भी ज़माना बहार का

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दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है

मौत मिले तो मुफ़्त लूँ हस्ती की क्या हस्ती है

मैं ने 'फ़ानी' डूबती देखी है नब्ज़-ए-काएनात

जब मिज़ाज-ए-यार कुछ बरहम नज़र आया मुझे

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क़ितआ 2

 

रुबाई 3

 

पुस्तकें 42

चित्र शायरी 7

 

वीडियो 14

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