मैं कि ख़ुद अपनी ही आवाज़ के शो'लों का असीर ख़लील-उर-रहमान आज़मी
ख़लील-उर-रहमान आज़मी
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
तू भी अब छोड़ दे साथ ऐ ग़म-ए-दुनिया मेरा ख़लील-उर-रहमान आज़मी
बन-बास ख़लील-उर-रहमान आज़मी
है 'अजीब चीज़ मय-ए-जुनूँ कभी दिल की प्यास नहीं बुझी ख़लील-उर-रहमान आज़मी
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