Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Manish Shukla's Photo'

मनीश शुक्ला

1971 | लखनऊ, भारत

मनीश शुक्ला

ग़ज़ल 25

अशआर 29

अब तक जिस्म सुलगता है

कैसी थी बरसात पूछ

अव्वल आख़िर ही जब नहीं बस में

क्या करें दरमियान की बातें

  • शेयर कीजिए

कितनी उजलत में मिटा डाला गया

आग में सब कुछ जला डाला गया

  • शेयर कीजिए

तुझे जब देखता हूँ तो ख़ुद अपनी याद आती है

मिरा अंदाज़ हँसने का कभी तेरे ही जैसा था

हम ने तो पास-ए-अदब में बंदा-परवर कह दिया

और वो समझे कि सच में बंदा-परवर हो गए

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 2

 

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 5

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

मनीश शुक्ला

मनीश शुक्ला

मनीश शुक्ला

एक ही बार में ख़्वाबों से किनारा कर के

मनीश शुक्ला

किसी भी शय पे आ जाने में कितनी देर लगती है

मनीश शुक्ला

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए