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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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नसीम-ए-सुब्ह यूँ ले कर तिरा पैग़ाम आती है

वासिफ़ देहलवी

नसीम-ए-सुब्ह यूँ ले कर तिरा पैग़ाम आती है

वासिफ़ देहलवी

नसीम-ए-सुब्ह यूँ ले कर तिरा पैग़ाम आती है

परी जैसे कोई हाथों में ले कर जाम आती है

वो मंज़र भी कभी देखा है अहल-ए-कारवाँ तुम ने

उमँड कर जब किसी बिछड़े हुए पर शाम आती है

यहाँ अब ना-तवानी से क़दम भी उठ नहीं सकते

इधर महफ़िल से साक़ी की सला-ए-आम आती है

किसी का ख़ून-ए-दिल खिंच कर टपक जाता है आँखों से

किसी की आँख में खिंच कर मय-ए-गुलफ़ाम आती है

मुक़द्दर का सितारा-गर हो रख़्शंदा 'वासिफ़'

हिम्मत साथ देती है हिकमत काम आती है

RECITATIONS

नोमान शौक़

नोमान शौक़,

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नोमान शौक़

नसीम-ए-सुब्ह यूँ ले कर तिरा पैग़ाम आती है नोमान शौक़

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