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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

बनारस के शायर और अदीब

कुल: 71

कबीर

1440 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

उर्दू हिंदी के पहले सशक्त फ़िक्शन-निगार, जिन्होंने उपन्यास और कहानी के माध्यम से समाजी सरोकारों को कलात्मक अभिव्यक्ति दी। उपन्यास-सम्राट के रूप में सर्वविदित।

लोकप्रिय नाटककार और शायर, जिनके लेखन ने उर्दू में नाटक लेखन को एक स्थायी परम्परा के रूप में स्थापित किया

हिंदी के नवीकरण के प्रचारक, क्लासिकी शैली में अपनी उर्दू ग़ज़ल के लिए प्रसिद्ध

मुग़ल साम्राज्य के युवराज, शाह आलम सानी के बेटे

उन्नीसवीं सदी के प्रमुख कथाकार/अपनी रचना ‘फ़साना-ए-अजाएब’ के लिए प्रसिद्ध

प्रगतिवादी विचार धारा के शायर और नाट्य अदाकार

राष्ट्रीय और देशभक्ति की नज़्मों के शायर,“बाग़ी का तराना”जैसी मशहूर नज़्म के रचयिता,नज़्म “ग़रीबों का गीत”को पंडित नेहरू ने भारत का उद्देश्य कहा था

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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