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रद करें डाउनलोड शेर

रामपुर के शायर और अदीब

कुल: 110

18वी सदी के अग्रणी शायर, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

प्रसिद्ध क्लासिकी शायर जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया

हैदराबाद के प्रसिद्ध शायर,जोश के समकालीन, दोनों के मध्य समकालिक नोक झोंक भी रही. अपनी लम्बी नज़्म ‘कौल फैसल’ के लिए प्रसिद्ध

रामपूर स्कूल के प्रमुख शायर/ महशर इनायती के शागिर्द

दाग़ देहलवी के शागिर्द। कम उम्र में देहांत हुआ

रामपूर स्कूल के रंग मे शायरी करने वाले प्रतिष्ठित शायर

नई विचार-दिशा देने वाले शायरों में विख्यात।

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायर,क्लासिकी रंग की शायरी के लिए प्रसिद्ध

इस्लामी चिन्तन के प्रभाव में शायरी करनेवाले प्रसिद्ध शायर

प्रसिद्ध शायर, लोकप्रिय शे’र ‘अब तो इतनीभी मयस्सर नहीं मयखाने में - जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में’ के रचयिता

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण नेता।

लब्धप्रतिष्ठ कहानीकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता, ‘अंगारे’ के लेखकों में शामिल

पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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