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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सय्यद आशूर काज़मी

संपादक : सलीम क़ुरैशी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

प्रकाशन वर्ष : 1993

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : व्याख्यान, आंदोलन

उप श्रेणियां : राजनीतिक आंदोलन

पृष्ठ : 236

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 81-7160-052-2

सहयोगी : हैदर अली

इस घर को अाग लग गई
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पुस्तक: परिचय

زیر مطالعہ " اس گھر کو آگ لگ گئی" تصنیف 1857 کے جدوجہد آزادی کی تلخ داستاں ہے۔ 1857ء کے دور میں غداروں نے جوخطوط لکھے تھے۔ ان ہی خطوط کی روشنی میں انگریزوں کی غلامی کے خلاف جو جدو جہد کی گئی تھی۔ اس کو انگریزوں کے خطوط کے ذریعہ ہی بیان کیا گیا ہے۔اس کتاب کے لیے مخطوطات کی فراہمی، تحقیق، تراجم، تلاش، ترتیب و تدون میں سلیم قریشی اور سید عاشور کاظمی نے بے حد محنت و مشقت کی ہے۔اس کتاب میں خطوط کے علاوہ اردو اور انگریزی اخباروں کے تراشے اور اس موضوع پر لکھی گئی کتابوں کے اقتباسات بھی شامل ہیں۔

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