aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
प्रसिद्ध विचारक, लेखक और आलोचक अहमद बशीर मुमताज़ मुफ़्ती और अशफ़ाक़ अहमद के करीबी मित्र थे। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें रेखाचित्र और उपन्यास शामिल हैं। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में "जो मिले थे रास्ते में" (रेखाचित्रों का संग्रह) और "दिल भटकेगा" शामिल हैं। उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में "मंज़िल मंज़िल दिल भटकेगा" और अंग्रेज़ी उपन्यास "डांसिंग वुल्फ" (नाचता हुआ भेड़िया) शामिल हैं।
उन्होंने एक फिल्म "नीला पर्वत" भी बनाई थी, जो सफल नहीं हो सकी।
उनकी दो बेटियाँ, सुम्बुल और नीलम अहमद बशीर, लेखिका हैं, जबकि उनकी एक बेटी बुशरा अंसारी टीवी की प्रसिद्ध कलाकार हैं। उर्दू और पंजाबी की प्रतिष्ठित लेखिका और यात्रा वृत्तांत लेखिका परवीन आतिफ़, अहमद बशीर की बहन थीं।
अहमद बशीर का लाहौर में कैंसर के कारण निधन हो गया।