हिकायात
हिकायत मज़हबी सहीफ़ों से होते हुए दरवेशों, सूफ़ियों, क़लंदरों, सय्याहों, जहाज़ रानों वग़ैरा के लिए सबक़ आमोज़ तजरबों और चश्म कुशा क़िस्सों की तरसील का ज़रीया बनी। ऐसी क़ीमती हिकायतों का सरमाया रेख़्ता ने अपने क़ारईन के लिए जमा किया है.