aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
दीवान, किसी कवी की ग़ज़लों के उस संग्रह को कहते हैं जिसमें हरूफ़-ए-तहज्जी के एतबार से रदीफ़ वार कलाम शामिल किया जाता है। रेख़्ता की तरफ़ से पेश-करदा कविता-दीवान यहां पढ़ें।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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