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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अलम मुज़फ़्फ़र नगरी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मकतबा बुरहान, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1954

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी, अनुवाद

उप श्रेणियां : महा-काव्य, शायरी

पृष्ठ : 123

सहयोगी : दारुल मुसन्निफ़ीन शिबली अकादमी, आज़मगढ़

aahang-e-sarmadi
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लेखक: परिचय

अलम मुज़फ़्फ़र नगरी, मोहम्मद इस्हाक़ (1901-1969) रूमानी-रहस्यवादी ग़ज़ल के प्रमुख शाइरों में शामिल। उर्दू, फ़ारसी, अरबी और संस्कृत जानते थे। ज्योतिष में गहरी महारत थी। ‘आहंग-ए-सरमदी  के नाम से गीता का उर्दू अनुवाद किया। ‘सीमाब’अकराबादी के शागिर्द थे।

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