Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : हैरत शिमलवी

प्रकाशक : मक्तबा अल-हसनात, रामपुर यू.पी.

प्रकाशन वर्ष : 1962

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : संकलन

पृष्ठ : 136

सहयोगी : ग़ालिब इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली

aaina-e-hairat
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

अब्दुल मजीद खां हैरत 1901 को शिमला में पैदा हुए. अलीगढ़ से शिक्षा प्राप्त की. विद्यार्थी जीवन में ख़िलाफ़त आंदोलन से वैचारिक रूप से सम्बद्ध रहे. आंदोलन से सक्रिय रूप से उनकी सम्बद्धता को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें वापस शिमला बुला लिया और हैरत की शिक्षा अधूरी रह गयी. छोटी-छोटी नौकरियां कर ज़िन्दगी बसर की.
हैरत ने सिर्फ़ ग़ज़लें कहीँ. उनकी ग़ज़लें क्लासिकी रचाव के साथ नये दौर की उथल-पुथल के गहरे एहसास की वाहक हैं.

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए