aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
लंदन में एक लम्बे समय से निवास कर रहे अकबर हैदराबादी (अकबर अली ख़ाँ) की गिनती ग़ज़ल और नज़्म के महत्वपूर्ण शायरों में होती है। उनकी पैदाइश 1925 में हैदराबाद में हुई, यहीं पर आरम्भिक शिक्षा प्राप्त की। उच्चा शिक्षा के लिए वह 1955 में आक्सफ़ोर्ड चले गये और फिर यहीं के हो रहे। आर्किटेक्ट के शैक्षिक व व्यवहारिक सफ़र में वह बराबर शे’र कहते रहे। उनके कई काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी शायरी के अंग्रेज़ी अनुवाद की दिलचस्पी से पढ़े गये।
अकबर हैदराबादी की शायरी परंपरा और नये सृजनात्मक अनुभवों के मध्य संतुलन का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। ग़ज़ल के पारंपरिक रखरखाव के साथ उन्होंने इसमें बहुत से ताज़ा रंगो की वृद्धि की। उनकी नज़्में भी पाठक का ध्यान अपनी तरफ़ ख़ींचती हैं.
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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