Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : ज़फ़र इक़बाल

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मल्टी मीडिया अफ़ेयर्स, लाहौर

प्रकाशन वर्ष : 2005

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : कुल्लियात

पृष्ठ : 731

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 969-8483-39-x

सहयोगी : इलियास मलिक

ab tak (kulliyat-e-ghazal)
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

جدید اردوغزل پر جب بھی بات كی جائے گی ظفر اقبال كو نظرانداز نہیں كیا جاسكتا۔ انہوں نے غزل کے پیرائے میں فنی اور موضوعاتی سطح پر روایت شکنی کے حوالے سے اپنی ایک الگ اور بھرپور پہچان بنائی۔ ان کے پہلے شعری مجموعے آب رواں کو عوام اور خواص، ہردو حلقوں میں بے حد پزیرائی ملی۔ اس کے بعد انہوں شعری تجربات کا سلسلہ نہ صرف جاری رکھا بلکہ اسے بام عروج تک پہنچایا۔ لفظ اور زبان کے ساتھ انہوں نے بہت تجربے کیے۔ ان تجربوں میں بہت سا رطب و یابس بھی ان کی شاعری میں در آیا مگر مجموعی طور پہ ان کا تجربہ کامیاب ہوا اور سراہا گیا۔ وہ بنجر زمینوں میں سے شعر نکال لاتے، انوکھی باتیں کہہ جاتے اور سبھی پڑھنے والوں کو حیران کرتے رہتے ہیں۔ اور یہ حیران کرنے کا سلسلہ اب بھی جاری ہے۔ انہوں نے بہت لکھا، درجنوں مجموعے شائع ہوچکے ہیں۔ انہیں مجموعوں کو "اب تک" کے نام سے کلیات کی شکل دی گئی ہے۔ جو پانچ جلدوں میں ہے، جس کی ہر جلد میں چھہ چھہ مجموعے شامل ہیں۔ اور پانچوں جلدوں میں تقریبا چار ہزار غزلیں شامل ہیں۔ زیر نظر جلد دوم ہے۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

ज़फ़र इक़बाल का जन्म 1933 को लाहोर के शहर ओकाड़ा में हुआ। ज़फ़र इक़बाल आधुनिकतावादी उर्दू शाइ’री में, ग़ज़लकारी की एक नई शैली और परंपरा स्थापित करने वाले प्रमुखतम शाइ’र हैं, जिन्होंने ग़ज़ल को एक चुनौती के तौर पर धारण किया और इस आग के दरिया में से और भी रौशन हो कर निकले। उन्होंने क्लासिकी ग़ज़ल की मिट्टी को अपनी रचनात्मक प्रतिभा के चाक पर चढ़ा कर, अभिव्यक्ति और तकनीक के नए साँचे बनाए और एक नए भाव-संसार की संभावनाओं की ख़बर दी। भाषा की सरहदें फैलाने के प्रयत्न किए। शब्दों को उनके शब्दकोषीय और परिचित अर्थों से हटा कर, नए और अप्रत्याशित संदर्भों में साक्रिय करके एक नया अर्थ-बोध हासिल करने की कोशिश भी उनका एक महत्वपूर्ण योगदान है। ज़फ़र इक़बाल की एक बड़ी उपलब्धि ये भी है कि तमामतर प्रयोगवादी नए-पन के बावजूद उनके शेर कभी बेमज़ा नहीं होते और बार बार एक नए आश्चर्य-जगत की सैर कराते हैं।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए