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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : आसी ग़ाज़ीपुरी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : आसी ग़ाज़ीपुरी

मूल : कराची, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1988

भाषा : Urdu

पृष्ठ : 315

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली, डॉ आदित्या बहेल

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लेखक: परिचय

आसी गाज़ीपुरी का शुमार उर्दू के मशहूर शायरों में होता है. उनकी पैदाइश 21 दिसम्बर 1834 को सिकंदरपुर ज़िला बलिया (उ.प्र.) में हुई. नाम मुहम्मद अब्दुल अलीम था. पहले आ’सी तख़ल्लुस अपनाया फिर आसी. आरम्भिक शिक्षा अपने नाना से प्राप्त की फिर जौनपुर चले गये और मौलाना अब्दुलहलीम फ़िरंगीमहली से न्यायशास्त्र और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की. आसी एक माहिर हकीम भी थे. उन्होंने ने हकीमी की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की थी बल्कि अपनी रूचि और व्यक्तिगत अध्ययन से इस विद्या में महारत हासिल की. विद्यार्थी जीवन से ही शेर व सुखन में दिलचस्पी थी. नासिख़ के शागिर्द अफ़ज़ल इलाहाबादी से मशविरा लिया. आसी का दीवान “ऐनुल मुआरिफ़ “ के नाम से प्रकाशित हुआ. 24 जनवरी 1917 को गाज़ीपुर में देहांत हुआ. 
आसी की शायरी सुफ़ियाना विचार का रचनात्मक वर्णन है. आसी के बारे में कहा जाता है कि मीर दर्द के बाद तसौवुफ़ के विषयों को शायरी में बरतने वाले वह सबसे कामयाब शायर हैं.

 

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