aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अख़्तर होश्यारपूरी, अब्दुस्सलाम (1918-2007) ग़ज़ल में नए जीवन-अनुभवों को अभव्यक्ति देने वाले शाइरों में शामिल। होश्यारपूर, पंजाब में जन्म। पेशे से वकील थे। आज़ादी के बाद रावलपिन्डी (अब पाकिस्तान) जा बसे।
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