Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इन्तिज़ार हुसैन

संस्करण संख्या : 002

प्रकाशक : डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बरा-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू ज़बान, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 2011

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा, लेख एवं परिचय

उप श्रेणियां : फ़िक्शन तन्क़ीद, लेख

पृष्ठ : 234

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 978-81-7587-591-3

सहयोगी : मकतबा जामिया लिमिटेड, नई दिल्ली

alamaton ka zawal
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

انتظار حسین کا شمار ارد کے اہم افسانہ نگاروں میں ہوتا ہے ان کے ناول اور افسانے ادب کی بلندی پر فائز ہیں ۔ ان کی تحریروں کا کمال یہ ہے کہ وہ علامتی اور استعاراتی اسلوب کو نت نئے ڈھنگ سے بالکل اچھوتے انداز میں استعمال کرنے والے فن کار تھے ۔ان کا فن عوامی نہیں تھا بلکہ عام قاری کی فہم و بصارت سے کوسوں دور نظر آتا ہے ۔ ان کی تخلیق کا مطالعہ کر نے کے لیے وسیع مطالعہ ضروری ہے ۔ لیکن ان کی یہ کتاب تخلیق پر نہیں بلکہ تنقید پر ہے اور مستقل لکھے گئے مضامین نہیں ہیں بلکہ وہ خود لکھتے ہیں ’’ باقاعدہ تنقیدی مقالہ لکھنے کا تو میں اہل ہی نہیں۔ یہ تو بس چیزوں کے بارے میں ، تحریروں کے بارے میں ،ادب کے سوالات کے بارے میں ، تہذیب کے معاملات کے بارے میں ایک حقیر افسانہ نگار کے رد عمل ہیں۔‘‘ اس متعلق سمجھ سکتے ہیں کہ ایک تخلیق کار کی نظر کیا ہوتی ہے وہ علامتوں کو کس طرح تراشتا ہے اور کہانیوں میں جان ڈال دیتا ہے ۔اس کتاب میں بہت ہی قیمتی اور نادر خیالات سے روشناس ہوں گے ۔ کتاب کودو حصوں میں رکھا گیا ہے ۔ پہلے حصے میں پندرہ عناوین کے تحت ادب کے مختلف مسائل پر گفتگوہے جن میں سے ایک علامتوں کا زوال بھی ہے ۔ کتاب کے دوسرے حصے میں تیرہ شخصیات اور تخلیقا ت پر گفتگو ہے ۔ کتا ب کا ایک ایک جملہ نظر و نظریہ سے بھر پور ہے ۔ اعلیٰ ادبی ذوق رکھنے والوں کے لیے قیمتی اثاثہ سے کم نہیں ہے ۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

इन्तिज़ार हुसैन का जन्म 21 दिसंबर 1925 को मेरठ में हुआ था। मेरठ कॉलेज से बी.ए. किया और पाकिस्तान बनने के बाद वो लाहौर पाकिस्तान चले आए, जहाँ जामिया-ए-पंजाब से उर्दू में एम.ए करने के बाद वे पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए। उनका पहला फ़िक्शन संग्रह "गली कूचे " 1953 में प्रकाशित हुआ था। वो रेडियो में कॉलम भी लिखते थे। उर्दू अफ़्साना निगारी में उनका मक़ाम बहुत बुलंद है और उनके बेशुमार अफ़्साने लोगों में चर्चा का विषय हैं।  उपन्यास लेखन में उनका विशेष स्थान है। उनकी किताबों का मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा हुआ है। समीरा गिलानी ने उनकी किताब "बस्ती" और "ख़ाली  पिंजरा" का फ़ारसी में अनुवाद किया है।
उनको हुकूमत-ए-पाकिस्तान ने सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ा है। इन्तिज़ार हुसैन पाकिस्तान के पहले अदीब हैं जिनका नाम मैन बुकर प्राइज़ के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया था  । 

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए