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लेखक : सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम

संपादक : निसार अहमद कुरैशी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : इक़बाल अकादमी पाकिस्तान, लाहौर

प्रकाशन वर्ष : 1983

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : शायरी तन्क़ीद, इक़बालियात तन्क़ीद

पृष्ठ : 221

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

allama iqbal
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पुस्तक: परिचय

صوفی تبسم نے تقریبا نصف صدی تک اقبالیات کا مطالعہ کیا اور اقبالیات کو فروغ دینا ان کی زندگی کا نصب العین رہا، انہوں نے باقاعدہ علامہ اقبال کے ساتھ علمی و ادبی موضوعات پر تبالہ خیال کیا تھا، طالب علمی کے زمانہ میں اقبال کی تخلیقات کا مطالعہ کیا تھا، اور بعد ایک طویل مدت تک استاد اور شاعر کی حیثیت سے علامہ اقبال کے افکار وخیالات کو بعد کی نسلوں میں منتقل کرنے کا فریضہ انجام دیا۔ زیر نظر کتاب میں صوفی تبسم کے نظریات کو جو کہ بکھرے پڑے تھے یکجا کیا گیا ہے۔ صوفی تبسم کے مضامین کو زمانی اعتبار سے ترتیب دیا گیا ہے جس سے مضمون کے سن تصنیف کی نشان دہی ہوتی ہے۔ کتاب میں شامل مضامین کے مطالعے سے علامہ کے افکار و خیال اور ان کے فن کو سمجھنے میں کافی مدد حاصل ہوتی ہے۔

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लेखक: परिचय

ग़ुलाम मुस्तफ़ा सूफ़ी तबस्सुम की गिनती हल्क़ा-ए-अरबाब-ए-ज़ौक़ के प्रतिनिधि शाइरों में होती है. 4 अगस्त 1899 को अमृतसर में पैदा हुए. लाहौर के फ़ोरमेन क्रिस्चियन काॅलेज फ़ारसी साहित्य में एम.ए. किया और गवर्नमेंट कालेज लाहौर में शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ देने लगे. फ़ारसी विभाग के विभागाध्य्क्ष के पद से सेवानिवृत हुए.
सूफ़ी तबस्सुम उर्दू के साथ-साथ फ़ारसी में भी शाइरी करते थे. उन्होंने ग़ालिब और अमीर ख़ुसरौ की फ़ारसी शाइरी का उर्दू में अनुवाद भी किया. इसके अलावा उर्दू और फ़ारसी शाइरी के पंजाबी में भी बहुत से अनुवाद किए. सूफ़ी तबस्सुम को उनकी अदबी ख़िदमात के लिए 1944 में हुकूमत-ए-ईरान ने ‘तमग़ा-ए-निशान-ए-सिपास’ से नवाज़ा और हुकूमत-ए-पाकिस्तान ने ‘सितारा-ए-इम्तियाज़’ से नवाज़ कर इज़्ज़त बख़्शी.
1978 में सूफ़ी तबस्सुम का देहांत हुआ.

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