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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : पंण्डित बिशन नारायण दर

प्रकाशक : मुंशी गंगा प्रसाद वर्मा प्रेस, लखनऊ

प्रकाशन वर्ष : 1893

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : मज़ामीन / लेख

पृष्ठ : 97

सहयोगी : इदारा-ए-अदबियात-ए-उर्दू, हैदराबाद

angrezon se hindustaniyon ki fariyad
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लेखक: परिचय

अब्र लखनवी, पंडित बिशन नारायन दर (1864-1916)बराबंकी में पैदा हुए मगर बा’द में लखनऊ आ गए। बचपन में उर्दू, फ़ारसी पढ़ी, फिर अंग्रेज़ी ता’लीम हासिल की और लंदन गए जहाँ से बैरिस्टर बन कर लौटे। सियासत में भी सरगर्म रहे और कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए। शाइ’री में ख़्वाजा ‘आतिश’ की पैरवी करते थे।

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