aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
बेदिल अज़ीमाबादी एक जुलाई 1907 को आरा (बिहार) में पैदा हुए. उनका असल नाम अब्दुल मन्नान था. कलकत्ता में शिक्षा प्राप्त की. पहले मदरसा आलिया कलकत्ते में अंग्रेज़ी के उस्ताद की हैसियत से नियुक्ति हुई फिर आपकी सेवाएँ बिहार सरकार को दे दी गईं. 1949 तक सरकार के शिक्षा विभाग में काम करते रहे. शायरी में वहशत कल्कत्वी के शागिर्द रहे. 19 अप्रैल 1982 को पटना में देहांत हुआ.
बेदिल ने ग़ज़ल के अलावा रुबाईयां भी कहीँ और क़ते’ भी लेकिन उनकी पूरी शायरी पर ग़ज़ल का पारम्परिक रँग व आहंग छाया हुआ है. इश्क़ व आशिक़ी से सम्बद्ध विषयों के वर्णन में उन्होंने जिस भावनात्मक वेग से काम लिया है उसने उनकी शायरी को बहुत प्रभावी बनाया है. बेदिल का काव्य संग्रह ‘नवाए बेदिल’ के नाम से प्रकाशित हुआ.
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