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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : शाह मोहम्मद गौस ग्वालियारी

प्रकाशक : नाज़ पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1892

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : अनुवाद, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद

उप श्रेणियां : नक्शबंदिया, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद, समा और अन्य शब्दावलियाँ

पृष्ठ : 432

अनुवादक : मिर्ज़ा मोहम्मद बेग नक़्शबंदी देहलवी

सहयोगी : ख़ानक़ाह मुनीमिया क़मरिया, पटना

असली जवाहिर-ए-ख़मसा कामिल
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पुस्तक: परिचय

یہ جواہر خمسہ اصلی کا ترجمہ ہے جو در اصل مولانا حضرت شیخ محمد غوث گوالیاری کی تالیف ہے اور مولانا مرزا محمد بیگ نقشبندی نے نہایت ہی سادہ، سلیس اور با محاورہ انداز میں ترجمہ کیا ہے ،اس کتاب کو عملیات و تعویذات کا مستند ترین مجموعہ مانا جاتا ہے، اس کتاب کو پانچ جواہر میں منقسم کیا ہے، اور ہر جوہر کے اندر ہزارہا جوہر دکھائے گئے ہیں، کتاب کے آخر میں ترجمہ کا قطع تاریخ ذکر ہے جس سے ترجمہ کی تاریخ 1892 نکلتی ہے۔

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