aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
महवी लखनवी, मोहम्मद हुसैन सिद्दीक़ी (1891-1975) बहुमुखी प्रतिभा वाले शाइ’र, अनुवादक, आलोचक, भाषा-विद। लखनऊ और भोपाल में अ’रबी, फ़ारसी, उर्दूकी शिक्षा पाई। भोपाल, अ’लीगढ़ और मदरास में शिक्षाण और अनुवाद का काम किया। मदरास युनिवर्सिटी में लेक्चरर भी रहे। बाल-साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान। शौक़ क़िदवाई के शार्गिद थे।
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