aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अलीम मसरूर अपनी विशिष्ट कृति " बहुत देर कर दी " के लिए जाने जाते हैं । अलीम बनारस के एक मध्यम वर्गीय परिवार में 1926 में पैदा हुए । इनके उपन्यास " बहुत देर कर दी " का अनुवाद हिंदी, मलयालम, पंजाबी, बंगाली और अन्य भारतीय भाषाओं में हो चुका है । बी आर चोपड़ा की मशहूर फिल्म “ तवायफ़ ” उनके इसी उपन्यास पर आधारित है । अलीम को इस फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का फिल्म फ़ेयर पुरस्कार दिया गया था । अलीम ने ग़ज़ल की शायरी भी की लेकिन उन्हें बड़ी शायरी की संभावना नज़्मों में ही नज़र आती थी ।“ हर्फ़-ए-मुकर्रर ” के नाम से उनका संग्रह प्रकाशित हो चुका है । इनको होमियोपैथी से विशेष लगाव था ।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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