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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मिर्ज़ा सलामत अली दबीर

संपादक : अकबर हैदरी कश्मीरी

प्रकाशक : अकबर हैदरी कश्मीरी

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1994

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : मर्सिया, शेष-रचनाएं

पृष्ठ : 602

सहयोगी : ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी, लखनऊ

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पुस्तक: परिचय

پیش نظر کتاب "باقیات دبیر" میں 26 غیر مطبوعہ نادر و نایاب مرثیے شامل کئے گئے ہیں۔ بعض ناقدین آور محققین نے غلط فہمی کی بنا پر کچھ مرثیے مرزا دبیر کے شاگردوں کے نام منسوب کر دیے تھے۔ ان مرثیوں کے نسخے دریافت ہوئے ہیں ان میں دبیر تخلص موجود ہے ایک دو مرثیے بہت خستہ حالت میں دبیر کے نام سے مطبوعہ صورت میں ملے جنہیں کافی چھان بین کے بعد انہیں باقیات میں شامل کیا گیا ہے۔ امید کی جاتی ہے کہ مرثیے سے دلچسپی رکھنے والے ریختہ کے قارئین، باقیات دبیر سے محظوظ ہوں گے۔ یہ تحقیق، ترتیب اور تدوین کا کارنامہ اکبر حیدری کشمیری نے انجام دیا ہے۔

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लेखक: परिचय

मिर्ज़ा सलामत अली दबीर उर्दू के एक कवि थे। उन्होंने मरसिया लिखने की कला को एक नया मुकाम दिया। उन्हें मीर अनीस के साथ मरसिया निगारी का प्रमुख प्रवक्ता माना जाता है।
मिर्जा सलामत अली का जन्म 1803 में मिर्जा गुलाम हुसैन के घर दिल्ली में हुआ था। उनमें बचपन से ही मरसिया पढ़ने की लगन थी। इसलिए वे प्रसिध मरसिया-गो मीर मुज़फ्फर हुसैन के शिष्य बन गए। जब मीर अनीस फैज़ाबाद से लखनऊ आए तो उनकी आपस में दोस्ती हो गयी।


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