Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : ऐतबार साजिद

प्रकाशक : मोहम्मद जमीलुन्नबी

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1989

भाषा : Urdu

पृष्ठ : 137

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

bharat mein chand roz
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

नाम सैयद एतिबार हुसैन और तख़ल्लुस 'साजिद' है। आप 1 जुलाई 1948 को मुल्तान में पैदा हुए। एम.ए. तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप शिक्षण के पेशे से जुड़ गए। पहले आप गवर्नमेंट कॉलेज, नौशकी (बलूचिस्तान) में लेक्चरर रहे। बाद में इस्लामाबाद में शिक्षण कार्य से जुड़े रहे। शायरी के अलावा आपकी कई गद्य की किताबें भी हैं। आपकी प्रमुख रचनाओं के नाम हैं: 'दस्तक बंद किवाड़ों पर', 'आमद', 'वही एक ज़ख्म गुलाब सा', 'मुझे कोई शाम उधार दो' (शायरी संग्रह); 'राजो की सरगुज़श्त', 'आदमपुर का राजा', 'फूल सी इक शहज़ादी', 'मिट्टी की अशर्फियाँ' (बच्चों के लिए किताबें)।
संदर्भ: पैमाना-ए-ग़ज़ल (दूसरा खंड), मोहम्मद शम्सुल हक़, पृष्ठ: 391
एतिबार साजिद का शुमार उर्दू के लोकप्रिय शायरों में होता है। उनकी लोकप्रियता का कारण वह रूमानी शायरी है, जिसमें ग़नाइयत और नग़्मगी के साथ-साथ हिज्र और विसाल की कैफ़ियतों को भी महसूस किया जा सकता है। एतिबार साजिद की विशेषता यह है कि उन्होंने एक साथ विभिन्न प्रकार की नज़्म और नस्र की विधाओं में अपनी क़लम का इस्तेमाल किया और शायरी, कॉलम निगारी, साहित्यिक संवादों और शोध के अलावा शिक्षण और साहित्यिक पत्रकारिता में भी अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया। एतिबार साजिद अपने अंदाज़-ए-सुख़न और शैली के हिसाब से ऐसे अनोखे शायर हैं जिनका मिजाज़ आशिक़ाना है, क्योंकि उन्होंने अपनी ग़ज़ल को तग़ज़्ज़ुल की पूरी रौनक़ और नज़ाकतों के साथ सँवारा है। उनकी शायरी में इश्क़-ए-मजाज़ी (लौकिक प्रेम) भी है और इश्क़-ए-हक़ीक़ी (दैवीय प्रेम) भी। इसलिए उनकी शायरी का अध्ययन करते हुए यह बात बख़ूबी महसूस होती है कि उनके भीतर एक नर्म और कोमल शायर बैठा है जो बड़ी सादगी से अपने जज़्बात का इज़हार करता है।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए