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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : दिवाकर राही

प्रकाशक : बज़्म-ए-अदब, रामपुर

मूल : रामपुर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1981

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

पृष्ठ : 277

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

charagh-e-manzil
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लेखक: परिचय

दिवाकर राही, रघुवीर सरन (1914-1968) हिंदी के जाने-माने प्रगतिशील कवि जिन्होंने उर्दू ग़ज़ल-गोई में भी शाेहरत हासिल की। मानवतावादी मूल्यों और सांप्रदायिक समन्वय, सदभावके पक्षधर। पेशे से वकील थे। राजनीति में भी सक्रिय रहे। ज़ोरदार वक्ताभी थे।

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