aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
फ़िक्र तौंसवी (1918-1987), जिनका मूल नाम राम लाल भाटिया था, उर्दू के विख्यात हास्य-व्यंग्य लेखक थे। 12 सितंबर 1987 को उनका निधन हुआ। फ़िक्र अपनी दीगर मज़ाहिया तहरीरों के साथ अपने अख़बारी कॉलम ‘प्याज़ के छिलके’ और विभाजन के समय के क़त्ल-ओ-ख़ून की रूदाद पर आधारित किताब ‘छटा दरिया’ के लिए जाने जाते हैं
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