aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
राहिब मैत्रेय का रचना संसार व्यापक, वृहद, अनूठा और नैसर्गिक है। तीन दशकीय सृजन यात्रा में उनके नाम बीस से अधिक बौद्धिक पुस्तकें तथा पाँच काव्य संग्रह हैं। उन्हें गद्य और पद्य में समान रूप से महारत हासिल है। उन्हें इल्म-ए-अरुज़ भी पर महारत हासिल है। उनका शब्द-संसार व्यापक है। हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा में लेखन का लंबा अनुभव उनके भाषा प्रवाह को रोचक बना देता है। उन्हें संगीत की गहरी समझ है, इसलिए उनके गीत सुर, लय, ताल, बहर और वज़्न के मानकों पर यथासंभव खरे उतरते हैं। राहिब के अनेक गीत रिकॉर्ड किये जा चुके हैं। जिन्हें प्रतिभाशाली गायकों ने आवाज़ दी है और संगीतकारों ने इन गीतों के लिए सुमधुर सुर, लय, ताल बिखेरी है। राहिब ने संगीतमय, चौद्धिक, सुरुचिपूर्ण, सार्थक गीतों को नया जीवन दे दिया है। सभी को इन गीतों को पढ़ना, समझना और सहेजना चाहिए।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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