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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इक़बाल माहिर

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : ज़ुलफ़िक़ार सिद्दीक़ी

मूल : इलाहाबाद, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1975

भाषा : Urdu

उप श्रेणियां : नज़्म

पृष्ठ : 81

सहयोगी : ग़ालिब इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली

dayar-e-gang-o-jaman allahabad
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लेखक: परिचय

इक़बाल माहिर 16 जून 1919 को इलाहाबाद में पैदा हुए. वह सीमाब अकबराबादी के शागिर्दों के सिलसिले की आख़िरी कड़ी थे. आरम्भिक शिक्षा इस्लामिया इंटर कालेज इलाहाबाद से प्राप्त की और गवर्नमेंट कालेज इलाहाबाद से इंटरमीडिएट का इम्तिहान पास किया. 1935 में शाइरी की इब्तिदा की. ग़ज़ल और नज़्म दोनों विधाओं में शाइरी की. वैचारिक स्तर पर प्रगतिशील आंदोलन से क़रीब थे और उसी विचार व चेतना के साथ शे’र कहते थे.
उनकी नज़्मों का पहला संग्रह ‘दयार-ए-गंग व जमन’ 1975 में इलाहाबाद से प्रकाशित हुआ, जिसमें कई नज़्में इलाहाबाद शहर पर हैं. दूसरा संग्रह ‘लौह-ए-अदब’ (ग़ज़लें) 1984 में प्रकाशित हुआ. इक़बाल माहिर को उनकी अदबी व शे’री ख़िदमात के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया.

 

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