Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

प्रकाशक : मुंशी नवल किशोर, लखनऊ

प्रकाशन वर्ष : 1903

भाषा : Urdu, Persian

श्रेणियाँ : शाइरी, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 112

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

दीवान-ए-नियाज़
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

دیوان نیاز نہایت ہی خوبصورت دیوان ہے جس میں تصوف و عرفان کے مسائل کو اشعار کا موضؤع بنایا گیا ہے۔ ان کے فارسی کلام میں متصوفانہ و عاشقانہ غزل گوئی کو اس میں دیکھا جا سکتا ہے۔ نیز چند مثنویاں بھی دیکھی جا سکتی ہیں ۔ اس کے علاوہ اس دیوان میں ان کا اردو کلام بھی شامل ہے جس میں بھی تصوف کے مسائل بیان کئے گئے ہیں۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

शाह नियाज़ बरेलवी भारत के सूबा पंजाब के क़स्बा सरहिंद (पटियाला) में पैदा हुए. शिक्षा के लिए दिल्ली गए और वहाँ पर फ़ख़रुद्दीन देहलवी से ज़ाहिरी और बातिनी शिक्षा हासिल की. फ़ख़रुद्दीन देहलवी साहब ने उन्हें कस्ब-ए-बातिन के लिए बैअत कर लिया. जल्द ही अपने पीर-मुर्शिद के ख़लीफ़ा हुए और रुश्द-ओ-हिदायत हासिल करने लगे. शाह नियाज़ अहमद बरेलवी अपने मुर्शिद के ख़ुलफ़ा में एक अहम स्थान रखते थे. अपने मुर्शिद की सलाह पर बरेली चले गए और वहीं के वासी हुए. बरेली उनका स्थाई निवास हो गया. यह भारत में मशहूर तो थे साथ ही बाहर के देशों में जैसे अफ़ग़ानिस्तान, समरक़ंद, शीराज़, बदख़्शाँ और अरब में भी उनके मुरीद और ख़ुलफ़ा बड़ी तादाद में मौजूद थे. 77 सल की उम्र में बरेली में उनका विसाल हुआ. “तारीख़-ए-मशाएख़े-ए-चीश्त” में प्रोफ़ेसर ख़लीक़ अहमद निज़ामी ने उनके उर्दू, फ़ारसी और अरबी के कुल 9 तसानीफ़ का ज़िक्र किया है.
प्रमुख़ किताब: दीवान-ए-नियाज़

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए