Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता

संपादक : हबीब अशअर देहलवी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : रशीद अहमद चौधरी

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1965

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 326

सहयोगी : असलम महमूद

deewan-e-shefta
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

شیفتہ شعر گوئی اور سخن فہمی کا بڑا اعلی مذاق رکھتے تھے۔ گرمی اور لذت کے علاوہ جو ان کے کلام میں خدا داد ہے اس میں وہ شکوہ الفاظ اور چست ترکیب بھی پائی جاتی ہے جو کسی وقت سودا اور نصیر کا حصہ تھی۔ کلام میں بندش الفاظ اور ترکیب روش وار رعایت اسی طرح کی ہے جو غالب اور خاص کر مومن میں پائی جاتی ہے۔ زیر نظر کتاب شیفتہ کا اردو دیوان ہے۔ اس دیوان کو حبیب اشعر نے مرتب کیا ہے۔ حبیب اشعر نے کئی نسخوں کو سامنے رکھ کر یہ دیوان تیار کیا ہے۔ دیوان کے آخر میں ان کا لکھا ہوا مقدمہ ہے، جو شیفتہ کی زندگی اور ان کے فن کا احاطہ کرتا ہے۔ اس مقدمہ سے شیفتہ فہمی میں کافی مدد ملتی ہے۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

शेफ़्ता, नवाब मुस्तफ़ा ख़ाँ(1809-1869)रियासत जहाँगीराबाद, बुलंदशहर के नवाब थे। पहले ‘मोमिन’ और फिर ‘ग़ालिब’ के शागिर्द रहे। 1857 की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए क़ैद किए गए जिसके बा’द एकांतवास अख़्तियार कर लिया। मिर्ज़ा ग़लिब से गहरे संबंस थे और मुसीबत की घड़ी में उनकी बहुत मदद की।

 

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए