Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

अब्दुल बारीआसीकी शख़्सियतविभिन्न पहलुओं वाली थी। वो एक अच्छे शायर, क्लासिकी मुतून के व्याख्याकार, उपन्यासकार और अनुवादक थे। आसी का जन्म1893 को मेरठ में हुआ। उनके पिता शेख़ हसामुद्दीन मिर्ज़ा ग़ालिब के शागिर्द और एक अच्छे शायर थे। आसी ने अरबी-ओ-फ़ारसी की शिक्षा प्राप्त की और शाहजहाँ पुर के एक स्कूल में फ़ारसी के शिक्षक के तौर पर फ़राएज़ अंजाम दिए। कुछ वर्ष तक मोहम्मद अली जौहर के अख़्बार ‘हमदर्द’ में काम किया। उस के बाद वो लखनऊ में  नवलकिशोर प्रकाशन से वाबस्ता हो गए।

घर और आस-पास के शेरी माहौल ने शुरुआत ही से आसी की तबीअत को शायरी की तरफ़ माइल कर दिया था। आग़ाज़-ए-शायरी में मौलाना सिराज अहमद सिराज से इस्लाह ली फिर नातिक़ गुलावठी की शागिर्दी इख़्तियार कर ली। कुछ ग़ज़लें दाग़ देहलवी को भी दिखाईं।

ग़ालिब और हाफ़िज़ के कलाम की व्याख्या अब्दुल बारी आसी के अहम तरीन इल्मी कामों में से है। उन्होंने शायरात का एक तज़किरा भी लिखा जो नवलकिशोर प्रकाशन से ‘तज़कीरा-तुल-ख़वातीन’ के नाम से प्रकाशित हुआ।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए