aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
ख़ालिद बशीर तेलगामी का संबंध कश्मीर के बारामूला ज़िले के कस्बे तेलगाम पट्टन से है। पेशे से वे एक शिक्षक हैं और अपनी मिलनसारिता, प्रेम और मानवता के लिए प्रसिद्ध हैं।
ख़ालिद बशीर तेलगामी ने अफ़सानों का एक संकलन "दुखती रग" प्रकाशित किया है, जिसमें 106 लघु कथाएँ शामिल हैं। इन कहानियों में उन्होंने मानवीय जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।
लघु कथा लेखन को बढ़ावा देने के लिए, ख़ालिद बशीर तेलगामी ने वैश्विक स्तर पर एक व्हाट्सएप समूह "गुलशन-ए-अफ़सांचा" बनाया है, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों के लोग लघु कथाओं में रुचि लेते हैं और इस विधा में योगदान दे रहे हैं।