Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मुनव्वर लखनवी

प्रकाशक : मॉडर्न पब्लिशिंग हाउस, दरियागंज, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 2001

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : अनुवाद

पृष्ठ : 112

सहयोगी : राजन कटोच

durga sapt shati
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

मुनव्वर लखनवी शायर तो थे ही, शायरी उनहें विरासत में मली थी लेकिन उसके साथ उनकी पहचान का एक बड़ा संदर्भ हिंदी और संकृत ज़बान से किये गये उनके अनुवाद हैं। मुनव्वर लखनवी को उर्दू, फ़ारसी हिन्दी और संस्कृत भाषाओं पर अधिकार प्राप्त था। मुनव्वर लखनवी का नाम मुंशी विशेश्वर प्रसाद था। मुनव्वर तख़ल्लुस करते थे। उनका जन्म लखनऊ में 8 जुलाई 1897 को हुआ। उनके पिता मुंशी द्वारका प्रसाद उफ़ुक़ की गिनती लखनऊ के प्रतिष्ठों में होती थी। वह भी शायरी करते थे। मुनव्वर लखनवी आजीवन रेल विभाग से सम्बद्ध रहे और विभिन्न स्थानों पर स्थानान्तरण होता रहा। 1927 में वह दिल्ली आ गये और फिर यहीं से सेवानिवृत्त हुए।

मुनव्वर लखनवी की शायरी अपने विषयों और भाषा के लिहाज़ से अपने समकालीन काव्य परिदृश्य में बहुत अलग नज़र आती है। इसकी वजह उनके सृजनात्मक प्रक्रिया की तह में मौजूद फ़ारसी, हिन्दी, संस्कृत भाषा के ज्ञान की परंपरा है। मुनव्वर लखनवी के कई काव्य संग्रह मुद्रित हुए। उनके अनुभवों की संख्या भी प्रचूर है। उन्होंने रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद किया।

 

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए