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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अख़्तर अंसारी

संस्करण संख्या : 2nd

प्रकाशक : एजुकेशनल बुक हाउस, अलीगढ़

मूल : इलाहाबाद, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1977

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : भाषा एवं साहित्य

उप श्रेणियां : भाषा

पृष्ठ : 142

सहयोगी : ग़ालिब इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली

ghazal aur dars-e-ghazal
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लेखक: परिचय

अख्तर अंसारी प्रगतिवादी विचारधारा के महत्वपूर्ण शाइर और आलोचक थे. उन्होंने आंदोलन की स्थाई सम्बद्धता से अलग रहकर उसकी विचारधारा को आम करने और उसे एक आलोचनात्मक, वैचारिक और वैज्ञानिक आधार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी शाइरी, आलोचना और अफ़साने उसी संघर्ष की उद्घोषणा हैं. ‘नग़म-ए-रूह’, ‘आबगीने’, ‘टेढ़ी ज़मीन’, ‘सरवरे जाँ’ (शाइरी) ‘अंधी दुनिया और दूसरे अफ़साने’, ‘नाज़ो और दूसरे अफ़साने’ (अफ़साने) ‘हाली और नया तन्कीदी शुऊर’, ‘इफ़ादी अदब’ (आलोचना) वगैरह उनकी रचनाएँ हैं.
अख्तर अंसारी एक अक्टूबर 1909 को बदायूं में पैदा हुए. एंग्लो अरबिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त की. दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.ए. किया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बी.टी. करने के बाद यूनिवर्सिटी स्कूल में मुलाज़िम होगये. 1947 में उर्दू में एम.ए. किया फिर कुछ अर्से तक उर्दू विभाग में लेक्चरर रहे बाद में ट्रेनिंग कालेज में नौकरी की. 05 अक्टूबर1988 को देहांत हुआ.


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