aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हसननज्मीसिकन्दरपूरी, मोहम्मद हसन, (1913-1989 )यथार्थवादी, प्रगतिशील दृष्टि के ग़ज़ल शाइर। कहानियाँ भी लिखी। सिकन्दरपूर, बलिया (उत्तर प्रदेश) में जन्म। रेलवे में नौकरी के सिलसिले में कई शह्रों में रहे और फिर देहली आ रहे। पर्वेज़ शाहिदी के शागिर्द।
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