aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अमीन हज़ीं, ख़्वाजा मोहम्मद मसीह पाल (1884-1967) सियालकोट, पंजाब (अब पाकिस्तान में) के एक कश्मीरी घराने के थे। ख़ान बहादुर की उपाधिहासिल की। इक़बाल का गहरा असर था और उन्हीं के अन्दाज़ में शाइ’री करते थे।
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