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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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लेखक : मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बरा-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू ज़बान, नई दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1998

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : महिलाओं की रचनाएँ

पृष्ठ : 431

अनुवादक : हमीदा ख़ातून

सहयोगी : ग़ालिब अकेडमी, देहली

gulshan-e-bekhar
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लेखक: परिचय

शेफ़्ता, नवाब मुस्तफ़ा ख़ाँ(1809-1869)रियासत जहाँगीराबाद, बुलंदशहर के नवाब थे। पहले ‘मोमिन’ और फिर ‘ग़ालिब’ के शागिर्द रहे। 1857 की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए क़ैद किए गए जिसके बा’द एकांतवास अख़्तियार कर लिया। मिर्ज़ा ग़लिब से गहरे संबंस थे और मुसीबत की घड़ी में उनकी बहुत मदद की।

 

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