aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
ताजवर नजीबाबादी एक बाकमाल शाइर, अदीब, पत्रकार और शिक्षाविद थे. उन्होंने ‘हुमायूँ’ और ‘मख्ज़न’ जैसी पत्रिकाओं के द्वारा उर्दू की साहित्यिक पत्रकारिता को नई ऊँचाई से परिचय कराया. इसके अलावा ‘अदबी दुनिया’ और ‘शाहकार’ जैसी पत्रिकाएँ जारी कीं. ताजवर ने ‘उर्दू मरकज़’ के नाम से संकलन एवं सम्पादन की एक संस्था भी स्थापित की जिसके द्वारा भाषा एवं साहित्य से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण कार्य हुए.
ताजवर 02 मई 1894 को नैनीताल में पैदा हुए. उनका पैतृक स्थान नजीबाबाद (उ.प्र.) था. फ़ारसी व अरबी की आरम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद दारुलउलूम देवबंद से दर्से निज़ामिया की शिक्षा पूरी की. 1915 में पंजाब यूनिवर्सिटी से मौलवी फ़ाज़िल और मुंशी फ़ाज़िल के इम्तेहानात पास किये. 1921 में दयालसिंह कालेज लाहौर में फ़ारसी और उर्दू के शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए.
30 जनवरी 1951 को लाहौर में देहांत हुआ.