Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सज्जाद हैदर यलदरम

प्रकाशक : अन-नाज़िर प्रेस, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : कि़स्सा / दास्तान

उप श्रेणियां : दास्तान

पृष्ठ : 50

सहयोगी : ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी, पटना

समर्थन : Dentsu (एक CSR पहल)

hikayat-e-laila-o-majnoon
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

प्रेमचंद के समकालीनों में एक महत्वपूर्ण नाम सज्जाद हैदर यल्दरम का है। नहटौर ज़िला बिजनौर उनका वतन है। यहीं 1880ई. में उनका जन्म हुआ। उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ आए तुर्की भाषा व साहित्य से उन्हें दिलचस्पी पैदा हो गई। तुर्की कहानियों ने उन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया। शिक्षा प्राप्ति के बाद तुर्की भाषा का ज्ञान होने के कारण इराक़ के तुर्की दूतावास में प्रवक्ता की हैसियत से नियुक्ति हो गई। विभिन्न नौकरियों के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के रजिस्ट्रार नियुक्त हुए। अंततः वे लखनऊ में बस गए। यहीं 1943ई. में उनका निधन हुआ। 

यल्दरम की ये कोशिश सराहनीय है कि उन्होंने अनुवाद के माध्यम से उर्दू साहित्य के संचय में वृद्धि की। उन्होंने तुर्की कहानियों को उर्दू रूप प्रदान किया। इस सिलसिले में उन्होंने तुर्की समाज का भी गहराई से अध्ययन किया और इस अंदाज़ से प्रस्तुत किया कि हमें वो अपने समाज का ही एक रूप नज़र आता है। ये अनुवाद ऐसे सहज और धाराप्रवाह भाषा में हैं कि उन पर अनुवाद का भ्रम नहीं होता बल्कि ये मूल कहानियां मालूम होती हैं।

तुर्की से थोड़े ही फ़ासले पर रूस में ऐसी कहानियां लिखी जा रही थीं जो ज़िंदगी की हक़ीक़तों को उजागर करती हैं लेकिन तुर्की कहानियों पर रूमानियत का बोलबाला था। उन कहानियों के अध्ययन और अनुवाद का ये नतीजा निकला कि यल्दरम ने ख़ुद भी जो कहानियां लिखीं उनमें रूमानियत के सिवा कुछ नज़र नहीं आता। ज़बान की नफ़ासत और सजावट पर उनकी तवज्जो इतनी ज़्यादा है कि अक्सर नागवार होती है। “ख़यालिस्तान” जो उनकी कहानियों का संग्रह है उसमें रूसी और अंग्रेज़ी कहानियों के अनुवाद के अलावा यल्दरम की अपनी मूल कहानियां भी शामिल हैं।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए