aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
आज़ाद अन्सारी, अल्ताफ़ अहमद (1871-1942) पैदा नागपुर में हुए मगर ख़ानदान सहारनपुर का था। हकीम थे और इस सिलसिले में कई शहरों में रहे। ये काम न चला तो एक अ’र्से तक देहली रह कर और हैदराबाद चले गए और वहीं आख़िरी साँस ली। मौलाना ‘हाली’ के शागिर्द थे। शे’र में लफ़्ज़ों और फ़िक़्रों की तकरार से अ’जीब हुस्न पैदा करते थे।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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