aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
زیر نظر کتاب میں ریاست حیدر آباد کی ابتدا و ارتقا، اس کی صنعت و حرفت، سیاست، اصلاحات اور عوام کے مطالبے اور ہندوستان کی آزادی کے خلاف ریاست میں انگریزوں اور جاگیرداروں کی سازش وغیرہ پر بات کی گئی ہے۔ کتاب کے مصنف مخدوم محی الدین کا قلم یقینا اپنا ہنر دکھا رہا ہے مگر وہ کہانی کی اصلی صورت نہیں بدلنے دیتے بلکہ ادب و تاریخ کو باہم ملا کر ایک ساتھ چلتے ہیں۔
मख़्दूम मोहीउद्दीन, अबू सईद मोहम्मद मख़्दूम मोहीउद्दीन हज़री (1908-1969) प्रगतिशील आन्दोलन से संबंधित प्रमुखतम शाइरों में शामिल, जिन्होंने क्राँतिकारी विचारों और रूमानियत के मेल से दिमाग़ और दिल दोनों का छूने वाली शैली पैदा की और लोकप्रियता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हैदरबाद के एक मज़हबी घराने में जन्म। उस्मानिया युनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर रहे। कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। जेल गए और विधायक चुने गए। उन के कई प्रेम-प्रसंग मशहूर हैं। उन की शाइरी फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गई।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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