aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
مخدوم محی الدین کا شمار انقلابی شاعروں میں ہوتا ہے۔ ان کے تین شعری مجموعے سر خ سویرا، گلِ تر اور بساط رقص اردو شاعری میں کافی اہمیت کے حامل ہیں۔ زیر نظر کتاب، ان ہی مجموعوں سے ان کی نظموں کا انتخاب ہے۔ اس انتخاب میں ان کی 38 مایہ ناز نظموں کو پیش کیا گیا ہے۔جسے انجمن ترقی اردو (ہند)علی گڑھ نے پیش کیا ہے۔
मख़्दूम मोहीउद्दीन, अबू सईद मोहम्मद मख़्दूम मोहीउद्दीन हज़री (1908-1969) प्रगतिशील आन्दोलन से संबंधित प्रमुखतम शाइरों में शामिल, जिन्होंने क्राँतिकारी विचारों और रूमानियत के मेल से दिमाग़ और दिल दोनों का छूने वाली शैली पैदा की और लोकप्रियता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हैदरबाद के एक मज़हबी घराने में जन्म। उस्मानिया युनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर रहे। कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। जेल गए और विधायक चुने गए। उन के कई प्रेम-प्रसंग मशहूर हैं। उन की शाइरी फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गई।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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